Friday, February 11, 2011

"इंग्लिश अब हिंदी में "को समझने के लियें


"इंग्लिश  अब हिंदी में "को समझने के लियें

अब हम एक छोटे से वाक्य " मै जाता हु " कि बात करते है 
इस वाक्य को एक अंग्रेजी में कमजोर बच्चा I am go बनायेंगा, जो कि उसके लिए सही है क्योंकि उसने बचपन से लेकर आज तक I am going कही सुन रखा है और वो I और Am को एक ही शब्द मानता है , इसमें उसकी कोई गलती नहीं है, उसे याद ही नहीं रहता है कि कहा उसे is, am , are या दूसरी सहायक क्रियाएँ लगानी है , क्योंकि वो हिंदी से इंग्लिश में अनुवाद करता है तो "हूँ" उसे कन्फ्यूज करता है और इसीलियें वो Am लगा देता है , इंग्लिश अब हिंदी में किताब में विशेषकर उसे ये बताया गया है कि उसे कहा कौन सी सहायक क्रिया लगानी है . यदि आप बोलते मै जाता तो भी आपको ये पता चल जाता कि सामने वाला क्या करता ? तो फिर इस हूँ कि क्या जरूरत है अगर हिंदी में से ये हु को क्रोस कर दिया जाएँ तो इंग्लिश के वाक्य में से ऍम हट जायेंगा और आपका वाक्य सही हो जायेंगा.
अब मै आपको ये बताना चाहता हु कि आपको इंग्लिश सिखने से कौन रोकता है जी हाँ अंग्रेजी के कुछ नियम जैसे कि क्रिया का कौन सा फॉर्म कौन से टेंस में लगाना , या कहा पर क्रिया में s , es, लगाना आदि और आप ये सब सोचते ही डर जाते है और सोचने लगते है कि अब अंग्रेजी नहीं आएँगी . पर आप डरते क्यों है मै हु ना " शाहरुख़ नहीं हूँ तो क्या ?"
मैंने इसी डर को दूर करने के लियें ही इस नयी तकनीक का उपयोग किया है जिसका नाम है " इंग्लिश अब हिंदी में ".
मैंने इस तकनीक में उसी पारंपरिक टेंस के चार्ट में दो बाउंड्री जोड़ दी जिसे कि मैट्रिक्स नाम दिया गया जिसमे कुछ रो और कालम होते है तीन रो तीनो टेंस को और चार कालम चारो उप टेंस को बताते है जैसे कि दूसरी रो का पहला कालम यानि २१ नम्बर जो कि पास्ट सिम्पल टेंस को बतायेंग या फिर तीसरी रो का तीसरा कालम ३३ नम्बर को बतायेंग जिसका मतलब फ्यूचर टेंस का परफेक्ट टेंस होगा . इसे समझने के लियें ३ लाइन खिचियें और उनमे चार कालम बनाइयें जैसा कि किताब में पेज नम्बर १७ पर दिया है और पल भर में १२ टेंस याद किजीयें .
इसी प्रकार टेंस याद करने कि प्रक्टिस किजीयें .
उसके बाद मैंने कुछ अंग्रेजी के कुछ वाक्य लियें है पेज नंबर २१ से २८ तक और कहा है कि अब हम उन्हें वेरिफ्य करेंगे तब तक उन्हें भूल जायें . इसके बाद अब हम चर्चा करते है कि वाक्य बनाते समय आपको ये नहीं पता चलता है कि क्रिया का कौन सा फार्म लगाना है . जैसा कि आप जानते है कि क्रिया के तीन फार्म होते है फर्स्ट फार्म , सेकण्ड थर्ड . पर समस्या ये है कि कौन से टेंस में कुन सा फार्म लगाना क्योंकि सरे टेंस में मै तो मै ही रहूँगा बस क्रिया का फार्म ही चेंज होगा जैसे कि सुबह मै उठा , फिर नहाया , खाया , पिया और अभी मै बात करता , उठता , खाता, पीता, और शाम को खाऊंगा , पीयूँगा, सोऊंगा आदि . इसका मतलब मै तो सुबह भी मै ही था और शाम को भी मै बस क्रिया चेंज हुई . इसी चीज को आसानी से याद रखने का मैंने नया तरीका खोजा है जिसका नाम है " ओ भैया टेक्निक " जिसके अन्दर आपको पहले तो पूरा ३ बाई ४ का मेट्रिक्स बनानाहै  और उसमे २१ नंबर पोजीशन यानि पास्ट सिम्पल पर V2 बनाके गोला बनाना है जो ये दिखायेगा कि क्रिया का दूसरा फार्म इसके अलावा और कही भी नहीं उपयोग होगा . बस इतने में पहले नंबर पर यानि ११ नंबर यानि प्रेसेंट सिम्पल टेंस वाला बोलेगा कि ओ भैया मै तो अभी यहाँ पर खाली बैठा हूँ और आपने २१ नंबर पर आकर घर भी बना लिया तो फिर २१ नंबर बोलता है अच्छा अच्छा भाई आप बुरा क्यों मानते है आप पहले नंबर पर है तो क्रिया का फर्स्ट फार्म ले लिजियें इसका मतलब प्रेजेंट सिम्पल में क्रिया का फर्स्ट फार्म लगेगा . तभी ३१ नंबर जो कि फ्यूचर सिम्पल है वो बोलता है कि अच्छा भाई तुम दोनों ने अपने अपने पसंद से क्रिया का फार्म ले लिया ११ नंबर ने पहले होने के कारण क्रिया का फर्स्ट फार्म , २१ नंबर ने सेकंड होने के कारण क्रिया का सेकंड फार्म मुझे भी क्रिया का फर्स्ट फार्म चाहियें तो ११ नंबर और २१ नंबर ने बोला कि अरे आप बुरा मत मनियें आप क्रिया का फर्स्ट फार्म ले लिजियें तो उसे क्रिया का फर्स्ट फार्म मिल गया . अब बारी आती है कालम नंबर ३ कि वो तो बड़ा शांत था उसने बोला भैया मै तो थर्ड नंबर का हूँ मुझे पुरे कालम को क्रिया का थर्ड फार्म दे दो तो उसे क्रिया का थर्ड फार्म मिल जाता है मतलब तीसरे कालम यानि तीनो टेंस के परफेक्ट टेंस में क्रिया का थर्ड फार्म लगाना है अब बचा क्रिया का ing वाला फार्म वो बाकि सभी जगह लग जायेंगा मतलब कन्तिनुऔस टेंस में और परफेक्ट कोन्तिनुऔस में फर्क बस इतना ही होगा कि परफेक्ट कोन्तिनुऔस में सिंस और फार लगेगा एक निश्चित समय के लियें सिंस और अनिश्चित समय के लियें फार लगता है जैसे कि  २ घंटे से तोफार 2 haur  अब ये नहीं पता कौन से २ घंटे लेकिन अगर ऐसा बोला हो कि  दोपहर १२ बजे से तो सिंस लगेगा. तो हो गए ना पल भर में १२ टेंस  याद .बस आपको दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली कुछा १०० - ५० क्रियाएँ और उनके तीनो फार्म याद करके प्रेक्टिस करना है .
अब पेज नंबर ३१,३२,३३,३४ पर क्रिया इट और प्ले का उदहारण दिया है कि कौन से टेंस में इन्हें कैसे लगाना है.
अब बात आती है सहायक क्रिया कि जो कि प्रेसेंट सिम्पल और पास्ट सिम्पल में छुपी हुई रहती है और बाकि में बिना सहायक क्रिया के वाक्य बनता ही नहीं है . तो अब हम थोड़ी सहायक क्रिया कि बात कर लेते है उसी तरह से जिस तरह से मुख्य क्रिया को याद किया उसमे " ओ भैया " वाली तकनीक उपयोग कि है इसमें हम ही , शी, इट को दूसरी  तरह से बोलकर याद रखना बताया है . इसके अन्दर जो ही कर्ता ही , शी, इट हो उन्हें अब ही , शी, इट ना बोलते हुए ही , सी , इट बोलना है सी मतलब स और स मतलब डस. इस , हेस , हेस बीन , वास .... इससे यह पता चलता है कि जिस भी वाक्य में कर्ता ही , शी, इट हो वहा सहायक क्रिया के रूप में स वाली सहायक क्रिया का उपयोग करना है जैसे he does not eat food , he is eating food , she has completed her work, he has been coming here for 2 years .. आदि . तो बस हो गया आपका कम आसान फिर वही एक मेट्रिक्स बनाइये और प्रेसेंट वाली रो में ही , शी, इट के साथ सिम्पल टेंस में डस नोट , कोन्तिनुऔस में इस नोट , परफेक्ट में हेस नोट और परफेक्ट कोन्तिनुऔस में हेस नोट बीन उपयोग करेंगे . पास्ट टेंस में सिम्पल टेंस में कोई भेद भाव नहीं है सिम्पल टेंस में डिड नोट लगेगा सारे कर्ता के साथ , सिर्फ कोन्तिनुऔस में ही , शी, इट और आई के साथ वास , और परफेक्ट  में हेड और परफेक्ट कोन्तिनुऔस में हेड बीन लगेगा . अब बात आती है फ्यूचर टेंस कि उसमे ही , शी, इट कि जगह आपको सिर्फ याद रखना है आई और वी के साथ सेल का उपयोग करना है और बाकि कर्ता के साथ विल का उपयोग करना है देखा सरल है ने सहायक क्रिया का मेट्रिक्स भी याद . जो कि पेज न्नुम्बेर 35 , 37, 38 पर दिया है . बस अब आपको टेंस पुरे आ गए समझ लिजियें और प्रेक्टिस किजीयें आगे . अब बात आती है सही वाक्य संरचना कि तो मै आपको बताना चाहूँगा कि वन टू का फॉर आपके लियें एक जडीबुटी का कम करेंगा जिसमे आपको वाक्य इसी क्रम में बनाने है जैसे कि I go , I do not go, Do I go और अब चौथा वाक्य कब , क्यों , कहाँ , कैसे शब्दों के साथ मतलब तीसरा वाक्य  Do I go के बाद ही आपको कब , क्यों , कहाँ , कैसे लगाना है -  Why do I go , How do I go , when do I go, Where do I go . ये वन टू का फॉर आपको टेंस और वाईस के अलावा सब जगह कम आयेंगा जैसे कि मोडल वर्ब केन,कुड............ आइयें इसका भी एक उदहारण लेते है जैसे - I can speak , I can not speak , Can I speak और अब How can I speak , When can I speak, Where can I speak , Why can I speak . समझ गएँ ना अब आपको बस क्रिया को चेंज कर प्रक्टिस ही तो करना है ......
अब हम थोड़ी से बात कर लेते है वाईस कि जो कि तब उपयोग होता है जब कर्ता कि पहचान ना हो जैसे शक्कर यहाँ बेचीं जाती है अब कौन बेचता यह पता नहीं , एक और उदाहरण लेते है , अंग्रेजी यहाँ पढाई  जाती है अब कौन पढाता यह पता नहीं , पौधों को पानी दिया जाता है अब कौन पानी देता है पता नहीं इसका मतलब कम करने वाला कोई भी हो सकता है वह पर वाईस का उपयोग किया जाता है . वास में आप लोगो के लियें एक सुविधा है कि टोटल १२ टेंस में से घाट कर रह जाते है ८ टेंस कैसे मै आपको बताता हूँ . चौथे कोलम यानि के परफेक्ट कोन्तिनुऔस का पस्सिवे वोइस नहीं बनता है अब बचे कितने ९ और उसमे से भी फ्यूचर  कोन्तिनुऔस का भी नहीं बनता . हो गएँ ना ८ , और सबसे आसान बात कि सारे आठो टेंस में क्रिया का थर्ड फार्म ही लगताहै सिर्फ जो नोर्मल वाक्य में ऑब्जेक्ट होता है वो इसमें सब्जेक्ट हो जाता है और उसी के हिसाब से सहायक क्रिया को लगाते है और आखरी में बाय लिखने के बाद कर्ता को किखते है मतलब वही सिम्पल रुल वाईस का .
३२ नंबर पर क्रोस का निशान आपको हमेशा याद दिलाता रहेगा कि इस टेंस का तो पेसिव बनता ही नहीं है .  धन्यवाद्
अंग्रेजी के इसी प्रकार के कुछा और नए तरीको को समझने के ल्लियें निरंतर www.इंग्लिश अब हिंदी में .कॉम जरूर विजित करें , शुभकाम्नौ केसाथ

Sunday, December 20, 2009

क्या हिन्दुस्तानी दिमाग को बदला जा सकता है

क्या हिन्दुस्तानी दिमाग को बदला जा सकता है , एक भाषा सिखाने के लियें .............
अंग्रेजी सिखने के लियें लोग कहते है कि आप बस अंग्रेजी में बोलना शुरू कर दो , जैसे कि आप हिंदी बोलना सीखते होबिना ग्रामर के , परन्तु हम हिंदी बोलना सीखते है क्योंकि हमारे पास उसके सिवाय कोई आप्शन नहीं रहता है और हमारे आस पास के सभी लोग हिंदी माहौल में रहते है तो हिंदी सिखने के लियें यह सही है लेकिन अंग्रेजी के लियें ऐसा बिलकुल भी नहीं किया जा सकता क्योंकि व्यक्ति के पास अंग्रेजी ना आने पर हिंदी बोलने का आप्शन रहता है।
अंग्रेजी केवल हिंदी में ही सिखाई जा सकती है, यह एक मनोवैज्ञानिक तरीका है । एक हिंदी बोलने वाला व्यक्ति हिंदुस्तान में वाक्य का अनुवाद करके ही सिख सकता है । परन्तु कुछ लोग मानते है कि बस उसे इंग्लिश कि नदी में फेंक दो तो वो इंग्लिश सीखेगा । अरे नदी में तैरना एक अलग बात है क्योंकि वह तैरने के सिवाय कोई आपशन नहीं रहता है नहीं तो वो मर भी जाता है ................
तो कभी भी तैरने को अंग्रेजी सिखने से तोला मोला नहीं जा सकता .......
बिलकुल सोच समझ कर जवाब दीजियेगा .....

Monday, November 23, 2009

जरूरत है एक मनोवैज्ञानिक तरीके की .....

जी हाँ , इंग्लिश सिखने के लिए बस एक मनोवैज्ञानिक तरीके की जरूरत है जो की अंग्रेजी को सिखने वाले के अंदाज में पेश करें , और वही मैंने किया है ....."इंग्लिश अब हिन्दी में "

Friday, November 13, 2009

इंग्लिश सिखने के लियें क्या करें .....

इंग्लिश सिखने के लियें क्या करें .....
मै यहाँ पर यह बताना चाहता हूँ की अंग्रेजी सिखने के लियें क्या करना चाहियें क्योंकि ये भी सत्य है की हम हिंदुस्तान में रहते है और हमरी मात्र भाषा हिन्दी है और अभी तक हम बड़े भी हिन्दी इनवायरमेंट में हुएं हैं ..................
इंग्लिश (कोई भी भाषा )किसी भी व्यक्ति(हिन्दुस्तानी) को सिर्फ़ दो तरीको से सिखाई जा सकती है
१। या तो उस व्यक्ति का दिमाग इतना छोटा कर दिया जायें जितना की एक नवजात शिशु का होता है और फिर उसे साल भर या दो साल तक साथ में रखा जायें तो वह इंग्लिश क्या जपनिस भी सिख जायेगा , पर यह
प्रेक्टिकली सम्भव नही है ............ तो फिर क्या किया जाएँ ..........
२। दूसरा तरीका यह है की उस व्यक्ति को इंग्लिश उसी इन्वायरमेंट में इंग्लिश सिखाये जायें जिसमे वो बचपन से लेकर अभी तक बड़ा हुआ है मतलब हिन्दुस्तानी व्यक्ति को हिन्दी में ......
और मैंने ये दूसरा तरीका बड़ा ही कारगर पाया है और बड़े लोगो के आर्शीवाद से एक छोटी से पहल की है जिसका नाम "इंग्लिश अब हिन्दी में " है ।
जरूर एक बार वेबसाइट पर जाईयें और अपने कमेन्ट जरूर दीजियें ....
www.englishabhindime.com

क्या हम अंग्रेजी सिखने से अंग्रेज बन जायेंगे ....

क्या हम अंग्रेजी सिखने से अंग्रेज बन जायेंगे ....
नही ऐसा नही है , वैश्विक स्तर की भाषा होने के कारण अंग्रेजी का ज्ञान होना बहूत जरूरी है । इस वस्तिविकता को जानते हुए भी कुछ परम्परावादी लोग इसे सिखने में हिचक महसूस करते है,
ऐसा मुझे महसूस हुआ कई बार ..... पर मै उन्हें ये बताना चाहता हूँ की अंग्रेजी सिखने से कोई अंग्रेज नही बन जाता जब तक हम वहा की संस्कृति को न अपनायें.

Sunday, October 18, 2009

इंग्लिश bolna है बहूत aasan

इंग्लिश बोलना है बहूत आसान, बस जरूरत है एक मनोवैज्ञानिक तरीके की जो की उस व्यक्ति के दिमाग को पड़कर उसके हिसाब से कोई सरल तकनीक उपलब्ध करवा सके जिसे वो याद कर सके।

"इंग्लिश अब हिन्दी में " के माध्यम से एक यही प्रयास है जो की एक किताब है जिसमे इसी तरह के कुछ मनोवैज्ञानिक प्रयोगों का वर्णन किया गया है और इस ब्लॉग पर मैं ऐसे ही मनोवैज्ञानिक सवालो का इंतजार कर रहा हूँ जो की इस अभियान को आगे बड़ा सके जिससे, वैश्विक स्तर की भाषा इंग्लिश को और भी सरल बनाया जा सके .........

Wednesday, October 7, 2009

वैश्विक स्तर की भाषा है सीखना जरूरी .............

वैश्विक स्तर की भाषा है सीखना जरूरी .............
वास्तविकता तो यही है की आज हमारा सारा कम काज अंग्रेजी में होता है और ऐसे में अंग्रेजी का बहूत ज्यादा ज्ञान नही बल्कि थोड़ा बहूत लेकिन सटीक ज्ञान आपका आत्मविश्वास बड़ा सकता हैं।
समस्या क्या है यह जानना जरूरी है की आप अंग्रेजी क्यो नही बोल पाते ?


Friday, September 18, 2009

इंग्लिश सिखियें अब और भी मनोरंजक अंदाज में

इंग्लिश सिखियें अब और भी मनोरंजक अंदाज में ............
जी हाँ मनोरंजक अंदाज मतलब ?

One          Two             का             Four
                                   से
                                ये 

               One          Two          का                Four
क्या है ,जानने की लिए प्रश्न पुछियें ....................